Poor Farmer and Son Emotional Story in Hindi 2021
Poor Farmer and Son Emotional Story in Hindi – दोस्तों आज की यह कहानी एक गरीब किसान पर आधारित है। इस कहानी के माध्यम से बताया गया है कि किस प्रकार से गरीब किसान ने अपने दोनों बेटों को पढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों का सामना किया है। उनके दोनों बेटे अपने परिवार की हालत देखते हुए अच्छी तरह पढ़ाई करते हैं। यह कहानी शुरू होती है राजस्थान के एक छोटे से जिले सवाई माधोपुर से। Emotional Story in Hindi
Poor Farmer and Son Emotional Story in Hindi –
शाम के समय किसान अपने परिवार के साथ घर पर बैठा हुआ था। उसी समय गांव का सरपंच किसान के दोनों बेटों को दसवीं कक्षा में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होने की बधाई देने पहुंच हो जाता है, जो बहुत ही अच्छा इंसान था। संपूर्ण गांव को पता था कि किसान की हालत बहुत ही खराब है इसलिए वह अपने बच्चों की आगे की शिक्षा नहीं करवा सकता है।
सरपंच ने दोनों लड़कों से आगे की पढ़ाई के बारे में पूछताछ शुरू की तब बड़े बेटे ने जवाब दिया कि मेरे पिताजी दिन-रात मेहनत मजदूरी करके एक-एक रुपैया इकट्ठा करके हम दोनों भाइयों को यहां तक पढ़ाया है। इसके बाद से मैं अपने छोटे भाई को पढ़ाने के लिए मजदूरी करूंगा। दिन-रात मजदूरी करके अपने छोटे भाई की शिक्षा जरूर पूरी करवाऊंगा। Emotional Story in Hindi
तब सरपंच ने किसान से कहा कि आपके एक बेटे को पढ़ाने की पूरी जिम्मेदारी मेरी है ताकि दूसरे बेटे को आप आसानी से पढ़ा सके। आप दोनों भाइयों को किसी भी प्रकार की मजदूरी करने की आवश्यकता नहीं है।
उसके बाद सरपंच वहां से चला जाता है और दोनों लड़के सरपंच के कहने के अनुसार गांव छोड़कर पढ़ाई करने के लिए शहर चले जाते हैं। शहर जाने के बाद दोनों भाई अच्छी तरह से पढ़ाई करते हैं और आने वाली सरकारी भर्तियों में फोर्म लगाना शुरू कर देते हैं।
किसान का बड़े बेटा विजय सिंह देश की सेवा करने के लिए फौज में जाना चाहता था जबकि दूसरा बेटा पुलिस में भर्ती होना चाहता था। Emotional Story in Hindi
विजय सिंह फौज की भर्ती में अपना फार्म लगाया तथा तैयारियां शुरू कर दी। जैसे-जैसे भर्ती के दिन नजदीक आए उसी समय बड़ा बेटा बीमार पड़ गया। फौज की भर्ती के दौड़ तथा फिजिकल के लिए एक महीना बाकी था, उस समय विजय सिंह बीमार चल रहा था।
बड़े भाई को बीमार होते हुए देख छोटे भाई को काफी चिंता होने लगी। राजीव कुमार समय-समय पर अपने भाई की देखभाल करता रहता और अस्पताल ले जाकर इलाज करवाता रहता है। धीरे-धीरे विजय ठीक होने लगता है और पूरी तरह से ठीक होने के बाद फिर से फौज की तैयारियां में लग जाता है। Emotional Story in Hindi
किसान के बड़े बेटे ने सोच रखा था कि अगर फौज में भर्ती ना हुआ तो उसके परिवार की हालत और भी खराब हो सकती है। इसलिए वह पूरी तैयारी के साथ भर्ती के लिए अलवर चला जाता है क्योंकि फौज की भर्ती के लिए दौड़ तथा फिजिकल अलवर किया जा रहा था।
बड़े भाई के साथ-साथ छोटा भाई भी उसका हौसला बढ़ाने के लिए साथ में चला जाता है। दोनों भाई भर्ती के अगले दिन ही अलवर पहुंच जाते हैं। सुबह 8:00 बजे विजय सिंह की भर्ती शुरू हो रही थी इसलिए वह राजीव कुमार को बाहर छोड़कर दौड़ लगाने वाले ग्राउंड में प्रवेश कर जाता है। Emotional Story in Hindi
भारतीय सेना रैली भर्ती में प्रवेश कर जाने के बाद विजय सिंह की दौड़ शुरू हो जाती है और वह 5 मिनट 20 सेकंड में अपनी दौड़ पूरी कर लेता है। दौड़ पूरी करने के बाद भारतीय सेना के अधिकारी उसे बधाई देते हैं और वहीं पर रोक लेते हैं। सब उम्मीदवारों की दौड़ खत्म हो जाने के बाद विजय सिंह अपने राजीव कुमार से मिलने की कोशिश करता है लेकिन फौज के नियमों के कारण मिल नहीं पाता है।
फौज भर्ती रेली में दौड़ पूरी करने के बाद विजय का शारीरिक फिजिकल होना बाकी था। बाहर राजीव कुमार को चिंता हो रही थी की उसका भाई दौड़ पूरी कर पाया है या नहीं। जब विजय को अपने डॉक्यूमेंट लेने के लिए भेजा गया तब वह राजीव से मुलाकात कर पाया। राजीव को सारे घटनाक्रम के बारे में बता दिया और वह सारी बातें सुनकर राजीव बहुत खुश हुआ। Emotional Story in Hindi
राजीव को खुशी हो रही थी कि उसके पूरे गांव में पहली बार कोई लड़का देश की सेवा करने के लिए फौज जाएगा। राजीव ने अपने बड़े भाई को अलवर रूकने के लिए कहा और डॉक्यूमेंट लेने राजीव घर पहुंच जाता है। घर पहुंचने के बाद उसने अपने परिवार को पूरी बातें बताई तो पिता की आंखों में आंसू भर आए और बोला अब मेरा लिया हुआ प्रण पूरा होने जा रहा है।
शारीरिक फिजिकल में पूरी तरह से फिट होने के बाद विजय सिंह वापस गांव आ जाता है और सबसे पहले गांव के उस सरपंच से मिलता है जिसने उन्हें पढ़ाने के लिए खर्च उठाया था। संपूर्ण गांव में खुशी का माहौल छाया हुआ है। Emotional Story in Hindi
कुछ दिन गांव में रुकने के बाद दोनों भाई फिर से पढ़ाई करने के लिए शहर चले आते हैं। अब विजय सिंह फौज की भर्ती की परीक्षा के लिए तैयारियां करता रहता है। लगभग एक-दो महीने बाद फौज परीक्षा शुरू होती है। वह शहर से ही परीक्षा देने के लिए निकल जाता है। प
रीक्षा सेंटर तक पहुंचने के बाद वह अच्छी तरह से अपनी पेपर को हल करता है और पेपर पूरा करने के बाद वापस अपने छोटे भाई के पास आ जाता है। अब दोनों भाइयों को केवल इंतजार विजय सिंह के रिजल्ट आने का था। कुछ महीनों बाद विजय का रिजल्ट आ जाता है और उसमें वह सेलेक्ट हो जाता है। Emotional Story in Hindi
धीरे-धीरे समय गुजरता चला गया और विजय फौज की 9 महीने की ट्रेनिंग के लिए चला जाता है। अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद विजय एक बार फिर गांव आता है और अपने पिता को गले लगा लेता है। इस सब कुछ माहौल को आसपास के लोग तथा सरपंच अपनी आंखों से देख रहे थे, उन सबकी आंखों में आंसू आ गए।
कुछ महीनों घर रुकने के बाद विजय देश की सेवा करने के लिए ड्यूटी पर चला जाता है। शुरुआत के समय में विजय की नौकरी जम्मू कश्मीर में दी गई। जब वह फौज से छुट्टी लेकर अपने गांव आता है, तो पूरे गांव में खुशी का माहौल छाया रहता है। क्योंकि पूरे गांव में पहली बार किसी गरीब किसान का बेटा देश की सेवा करने के लिए फौजी बना है। Emotional Story in Hindi
अब लगभग 2 साल नौकरी करने के बाद विजय सिंह को आसाम भेज दिया जाता है। इधर राजीव कुमार भी अपनी तैयारियों में जुट गया अच्छी पढ़ाई करके पुलिस ऑफिसर बन गया। अब उस गरीब किसान के दोनों बेटे देश की सेवा कर रहे हैं, एक बेटा देश के बॉर्डर पर तथा दूसरा बेटा पुलिस में भर्ती होकर देश के अंदर अपनी सेवा दे रहा है।
किसान के दोनों बेटो ने अपने पिता के द्वारा लिए गए प्रण को पूरा किया और अपने गांव के साथ-साथ जिले का नाम भी रोशन किया है। अब उनका पूरा परिवार एक सुखी जीवन गुजार रहा है। Emotional Story in Hindi
इसलिए दोस्तों मनुष्य चाहे कैसा भी हो लेकिन उसके लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। शिक्षा के बिना इंसान का जीवन पूरी तरह से बेकार होता है। इस किसानों के बेटों के द्वारा जो पढ़ाई हासिल की है और उसके बाद अपने परिवार समाज का नाम रोशन किया है, ठीक उसी प्रकार पढ़ाई करके अपने माता-पिता का सपना पूरा करो। Emotional Story in Hindi
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