हजारों युवाओ ने लाखों की नौकरी छोड़कर कृषि से किया करोड़ों मुनाफा /हाईटेक बगीचे से कैसे कमाए करोड़ों
हजारों युवाओ ने लाखों की नौकरी छोड़कर कृषि से किया करोड़ों मुनाफा /हाईटेक बगीचे से कैसे कमाए करोड़ों
देश की बढ़ती हुई जनसंख्या और बढ़ती हुई महंगाई ने आज लोगों के नॉर्मल सैलरी को दरकिनार कर दिया है एक नॉर्मल सैलरी यानी लगभग 25 से ₹30000 तक भी एक घर का खर्चा उठाने में असक्षम है | हर सामान की कीमत आसमान छू रही है साथ में बदलते हुए जमाने के अनुसार वस्तुओं की आवश्यकता बहुत ज्यादा हो गई है आम आदमी भी ब्रांड की बात करता है जहां उनके लिए वह खरीद पाना काफी मुश्किल हो जाता है , लेकिन फिर भी वह काफी अच्छी क्वालिटी के सामान ही खरीदना चाहते हैं जिससे उनकी पोस्ट बहुत ज्यादा पड़ती है और खर्चा बहुत ज्यादा हो जाता है |
हजारों युवाओ ने लाखों की नौकरी छोड़कर कृषि से किया करोड़ों मुनाफा /हाईटेक बगीचे से कैसे कमाए करोड़ों
खर्च उठा पाना भी काफी मुश्किल
वही बात करें खाने पीने के सामान की तो वह भी काफी महंगे होते हैं जिससे परिवार का खर्च उठा पाना भी काफी मुश्किल हो जाता है इस बीच लोग जॉब करना प्रारंभ करते हैं लेकिन जो में भी कुछ लोग सक्षम होते हैं अपने आजीविका पूर्ण करने में उनकी साल भर की लाखों की सैलरी भी कम पड़ जाती है खर्चों को कंप्लीट करने में बहुत सारे लोग पैसे कमाने के लिए अलग-अलग प्रकार के काम करते हैं अपने खर्चों को पूरा कंपलीट करने और शेविंग करवाने जैसे जॉब का मिलना मुश्किल सा है लोग गवर्नमेंट जॉब लगने के बाद में या फिर प्राइवेट जॉब जोकि बहुत अच्छी सैलरी के साथ होती हैं उसे भी ठुकरा देते हैं जब उनके पास में रास्ता कुछ ऐसा हो जाता है कि वह अपने अनुसार स्वतंत्रता के साथ में बहुत अच्छी सैलरी के साथ में या फिर यूं कहे कि बहुत अच्छी आमदनी के साथ में उनको काम मिल जाता है स्वतंत्रता का काम यानी खुद का काम जिसमें वे अपने अकॉर्डिंग उस काम को कर सकते हैं |
खर्च उठा पाना भी काफी मुश्किल
प्राइवेट जॉब या सरकारी जॉब छोड़ कर के आज खुद का बिजनेस शुरू
ऐसे हजारों लाखों लोगों ने अपनी प्राइवेट जॉब या सरकारी जॉब छोड़ कर के आज खुद का बिजनेस शुरू करने पर लगे हैं जिसमें वह अनेक प्रकार के कार्य करते हैं इन्हीं कार्यों में से एक जो कि आज युवाओं की पसंद बनता जा रहा है आपने यह जरूर देखा होगा की खेती का कार्य केवल और केवल किसान किया करते थे लेकिन आज यह बात कुछ अलग हो रही है खेती के अंदर उगने वाले पौधों को अलग तरीके से उगाना और काफी ज्यादा उन्नत किस्में उगाना साथ में उनके द्वारा प्राप्त होने वाले उत्पाद को कई गुना प्राप्त करना आज का प्लान बना हुआ है आज लाखो हजारों ऐसे युवा जो अपनी जॉब को छोड़ कर के प्लांट
उगाने या फिर मैं गोलू कृषि कार्य करने में तुले हुए हैं लाखों की जॉब छोड़ के खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं जिसमें वह 1 तरीके से खेती कर रहे हैं जिसमें लाखों का वह कमाते हैं हम सब जानते हैं कि पानी और मिट्टी दोनों ही खेती के लिए सक्षम नहीं बचे हैं पानी भूमि में अनुपस्थित है या फिर यूं कहें किभूमि में पानी की बहुत ज्यादा कमी आ चुकी है इसमें पादपों को बहुत ज्यादा मात्रा में पानी प्राप्त नहीं हो रहा है लेकिन अनेक प्रकार की ऐसी फसले या पादप उगाए जा रहे हैं जिन्हें कम जगह पर कम पानी में ज्यादा पैदावार प्राप्त की जा सकती है |
एमबीए और उस इंजीनियर और भी अनेकों पोस्ट छोड़कर कर रहे बगीचा उधयोग –
और एक अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है और लोगों की आवश्यकता की पूर्ति की भी की जा सकती है अनेक एमबीए और उस इंजीनियर और भी अनेकों पोस्ट पर रह रहे लोगों ने हाईटेक बगीचे में अनेक प्रकार के कीमती पौधे होगा करके उनसे बहुत ज्यादा उचित मूल्य वाले उत्पाद पैदावार करके करोड़ों रुपए कमाए आज उदाहरण हम प्रस्तुत करते हैं आपके सामने एमबीए पति और पत्नी मिलकर के जोधपुर के कई ऐसे गार्डन तैयार कर चुके हैं इस जहां पर बहुत सारे आने के कीमती पौधे उगाए गए हैं जोधपुर केसरपुरा में रहने वाले ललित कुमार ने 2013 में पुणे से मार्केटिंग में एमबीए करने के बाद में उनको एक
कंपनी में ₹800000 की जॉब लगी , बैंक में रिलेशनशिप मैनेजर की नौकरी थी पत्नी भी चार्टर्ड अकाउंटेंट थी इन दोनों की लाइफ काफी अच्छे से गुजर रही थी लेकिन वह कुछ अलग करना चाहते थे लाखों रुपए का पैकेट छोड़ कर के बगीचे में नर्सरी का काम करना शुरू कर दिया उन्होंने कुछ खास ट्रेनिंग ली और वह 2018 से अपने इस बगीचे के कार्य को शुरू कर दी है 2018 की शुरुआत में उन्हें लगभग ₹900000 का मुनाफा हुआ अगर बात करें उनके मुनाफे की साल के हिसाब से तो उनका एनुअल यानी सालाना मुनाफा लगभग एक करोड रुपए का है ललित ने बताया कि वे हमेशा से ही टोंक में रहने वाले स्टूडेंट उन्होंने कम लागत में काफी अच्छा किया है उन्होंने अपने गार्डन में अनेक प्रकार की कीमत आज लाखों रुपए में बनी हुई है ललित ने बताया कि उनकी शुरुआत 1500000 रुपए की थी शुरुआत में उन्हें बचत के रूप में 23 से 30 लाख रुपए मेला फिर धीरे-धीरे यह बढ़ाने एक करोड़ हो गया ललित की गाड़ी में ₹10 से लेकर ₹800000 तक का प्लांट है जोधपुर के गार्डन का प्रोजेक्ट ललित के द्वारा संभाला जा रहा है इसके अलावा कई प्राइवेट गार्डन है जिनकी गार्डन की जिम्मेदारी नर्सरी में अमलतास नीला पीला लाल गुलमोहर अर्जुन आदि अनेकों पादप है
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